डेयरी को कृषि में करें शामिल, ताकि किसानों को  मिल सके आपदा प्रबंधन का लाभ -सीईसी सदस्य आईडीए- रामचंद्र  चौधरी

डेयरी इंडस्ट्री कांफ्रेंस (डीआईसी) पटना में रामचंद्र चौधरी ने फार्मर्स सेशन में पैनेलिस्ट के तौर रखे अनेक सुझाव

अजमेर (राजकुमार वर्मा / मनोज वर्मा ) अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष एवं इंडियन डेयरी एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य  रामचंद्र चौधरी ने पटना में आयोजित इंडियन डेयरी एसोसिएन (आईडीए) के 51
वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन  आयोजित फार्मर सेशन को संबोधित करते  हुए  कहा  कि केंद्र सरकार डेयरी  व्यावसाय को कृषि क्षेत्र में शामिल करें ताकि किसानों एवं पशुपालकों के हित की बात की जा सकेl
 


    उन्होंने कहा कि आज अधिकांश  किसानों की  आय  का  स्रोत पशुपालन  बन  चुका  है, इनकी आय का मुख्य साधन  दूध व्यवसाय ही  रह गया है।अनेक बार किसानों को प्राकृतिक व अन्य आपदा के कारण अपना पशुधन भी खोना पड़ता है वही जनहानि भी हो जाती हैl कभी-कभी  खेतों  में  पैदावार के  अभाव  में पशुओं के सामने चारे-पानी का भी संकट पैदा हो जाता हैं ,ऐसे हालात में अगर डेयरी व्यवसाय को कृषि में शामिल कर दिया जाए तो पशुपालकों को आपदा प्रबंधन का लाभ मिल सकेगा जिससे संकट के समय उसे सम्बल मिल सकेगा।

 
    केंद्र सरकार दूध व्यवसाय को कृषि में शामिल करेगी तो इस पर जीएसटी व इनकम टैक्स भी दुग्ध व अन्य  दूध उत्पादो पर नहीं लगेगा वहीं केंद्र सरकार जिस प्रकार विभिन्न अनाजो  को समर्थन मूल्य पर खरीदती हैं ,वैसे ही दूध को भी समर्थन मूल्य मिलना अति आवश्यक है जिससे  किसानों  की  आर्थिक  स्थिति  मे  इजाफा  होगा। उन्होंने कहा कि हाल  ही मे लम्पी डिजीज में मरने  वाले पशुओं पर केंद्र सरकार ने उनके  मालिकों  को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी।


    यह भी किसानों के लिए एक चिंता का विषय रहा थाl केंद्र सरकार इन मुद्दों पर  विचार करके सकारात्मक रुख अपनाती है तो देश पशुधन के मामले में  संपन्नता की ओर अग्रसर हो सकेगा एवं किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगाl  वर्तमान में देशभर में चारागाह भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण के कारण पशु आहार की कमी होती जा रही हैl 

     उन्होंने राजस्थान का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान की तर्ज केंद्र सरकार किसानों को 3 साल के लिए T-3 रिजके के बीज को प्रमाणित करके उपलब्ध करवाये तो पशुओं को पर्याप्त  चारा मिल सकेl इसी प्रकार इंदिरा गांधी कैनाल के निकट पैदा होने वाली सेवण घास के लिए भी कैनाल एरिया में इसको तैयार किया जाए ताकि पशुओं को पौष्टिक आहार मिल सके l लम्पी  जैसी बीमारी से भविष्य में निपटने के लिए गॉट पॉक्स की तर्ज पर  काउ पॉक्स की वैक्सीन भी तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने   बताया  कि 1970 में  भारत  सरकार ने नेशनल  मिल्क बिल्ड का  गठन  किया  था, इसमे  मिल्क एवम् मिल्क प्रोडक्ट भी  शामिल  किया  जाना  चाहिए l उन्होंने  आरोप  करते  हुए  कहा  कि भारत  सरकार वर्तमान  मे  किसानों   व पशुपालकों  के  साथ  सौतेला व्यवहार  कर  रहीं  हैl उन्होंने कहा कि देश में राज्य सरकारो को भी इस ओर ध्यान देना चाहिएl  


     पर देश के अन्य प्रदेशों में  भी मुख्यमंत्री दुग्ध संबलन योजना के तहत संबल राशि दी जानी चाहिए। राजस्थान में पशुपालकों को ₹5 प्रति लीटर संबलन राशि दी जा रही हैl ये  योजना राजस्थान  के  अलावा  महज कर्नाटक  में  ही  लागू है,जो किसानों एवं पशुपालकों के हित में एक सकारात्मक पहल है।चौधरी ने कहा कि मिड डे मील के  तर्ज़  पर दुध  पाउडर से तैयार  करके  सरकारी  विद्यालयों में कक्षा  एक  से  आठ  में  अध्यनरत  विद्यार्थियों  को  दूध  पिलाने  की योजना राजस्थान में लागू हैl यह योजना पूरे देश के सभी राज्यों में भी लागू की जानी  चाहिए l इस  सत्र  में  आईडीए अध्यक्ष आर. एस. सोढ़ी,  रेणु देवी कैबिनेट मंत्री बिहार सरकार,एसपी सिंह बघेल राज्य मंत्री भारत सरकार,  अलका उपाध्याय कैबिनेट सचिव, वर्षा जोशी अपर शासन सचिव, मीनेश शाह, अध्यक्ष एनडीडीबी, सुधीर कुमार सिंह चेयरमैन वेस्ट जोन आईडीए आदि मंच पर उपस्थित रहेl


 

Comments